How हल्दी के चमत्कारी फायदे can Save You Time, Stress, and Money.



हल्दी के एंटी-इंफ्लामेन्ट्री गुणों को संधिशोथ, जोड़ों के दर्द और पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस में मदद करने के लिए भी फायदेमंद पाया गया है। यह ऑस्टिओआर्थरिटिस और रूमेटाइड गठिया, दोनों प्रकार के गठिया में फायदेमंद होती है। गठिया में हल्दी के सेवन से जोड़ो में होने वाले दर्द और सूजन, दोनों में रहत मिलती है।

कच्ची हल्दी में करक्यूमिन तत्व पाए जाते है जो कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को बढ़ने से रोकते है। कच्ची हल्दी में एंटी-कैंसर गुण पाए जाते है। कच्ची हल्दी पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर को कम करने में सहायक होती है। इस बात पर ध्यान देना जरुरी है की कच्ची हल्दी से कैंसर होने की संभावना कम हो जाती है लेकिन इसे कैंसर का इलाज नहीं कह सकते।

हल्दी एक मसाला है और जड़ीबूटी भी है। यह करकुमा लोंगा पौधे की जड़ से प्राप्त होता है, जो अदरक परिवार में एक बारहमासी है। हल्दी का सबसे प्रमुख सक्रिय अंश है करक्यूमिन। करक्यूमिन हल्दी को पीला रंग देता है।

हल्दी में पीलिया रोग को दूर करने के गुण मौजूद होते हैं । पीलिया रोग में आधा किलो दही में दो चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर रोगी को दिन में तीन टाइम सुबह दिन में और रात को नियमित खिलाएं इससे बहुत जल्दी पीलिया रोग में आराम मिल जाएगा ।

हल्दी में हीलिंग गुण होते है जो पेट के अल्सर को ठीक करती है। खराब पाचन भी पेट में अल्सर की समस्या का कारण बनता है। इसके लिए हल्दी वाला दूध पिएं।

शरीर में आयरन का होना बहुत जरुरी होता है।

हलदी में एक तरह का उड़न शील तेल होता है जो रक्त की धमनियों में जमा कोलेस्ट्रॉल को घोलकर सामान्य कर देता है।

रोज हल्दी खाने से हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और अन्य पोषक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करके शरीर को इंफेक्शन, सर्दी-जुकाम आदि रोगो से दूर रखने में सहायक होते है और आप इन रोगो से बचे रहते है।

आयुर्वेद में सालो से हल्दी का इस्तेमाल दर्द निवारक दवाइयों के रूप में होता चला आ रहा है। इसे जोड़ों के दर्द को दूर रखने के साथ ही संक्रमण और फ्लू के खतरे को कम करने में कारगर माना जाता है। हल्दी के एंटी इंफ्लेमेटरी गुण गठिया के दर्द और सूजन को भी ठीक करने में मदद करते हैं।

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पायरिया होने पर हल्दी में सरसों का तेल मिलाकर मसूड़ों पर मालिश करने से लाभ मिलता है। मसूड़ों पर मालिश करने के बाद गर्म पानी से कुल्ला करे आपको फायदा होगा।

पाचन संबंधित समस्या होने पर कच्ची हल्दी खाना चाहिए हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन पेट और पाचन की परेशानियों को ठीक करता है। करक्यूमिन में एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते है जिससे पाचन में सुधार होता है। डायरिया, अपच, गैस होने पर कच्ची हल्दी को पानी में उबाले और इसे पिएं।

गर्म तासीर वाली हल्दी में मौजूद एंटीसेप्टिक गुण इस चोट, घावों में फायदेमंद, एंटी-इंफ्लामेन्ट्री गुण शरीर में सूजन के कारण पैदा होने वाले गठिया और अन्य रोगो में फायदेमंद बनाते है। हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और अन्य पोषक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करके शरीर को इंफेक्शन, सर्दी-जुकाम आदि रोगो से दूर रखने में बेहद फायदेमंद साबित होते है।

आम तौर पर कई तरह की दालों जैसे तूअर, मूंग या चने की दाल से दाल फ्राई more info बनाया जाता है, लेकिन चना दाल फ्राई सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है.

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